क्यों हुआ था बाली और हनुमान जी के बीच युद्ध


क्यों हुआ था बाली और हनुमान जी के बीच युद्ध : बाली देवराज इंद्र का औरस पुत्र था। उसको ये वरदान था कि जो भी उसके सामने युद्ध करने आएगा उसका आधा बल बाली के अंदर चला जायेगा। बाली ने जब रावण जैसे शक्तिशाली राक्षस को हराकर अपने पूंछ मे बांध कर घुमाया था। इसलिए उसका अहंकार बहुत बढ़ गया। यह भी पढ़ें : दुनिया रचने वाले को भगवान कहते हैं हिंदी लिरिक्स

वो हर किसी को युद्ध के लिए ललकारने लगा। एक बार जब वो जंगल मे युद्ध के लिए सबको ललकार रहा था। तब उसने हनुमान जी को युद्ध करने के लिए ललकारा। हनुमान जी ने कहा की मैं युद्ध नही करना चाहता। लेकिन बाली ने हनुमान जी को युद्ध करने पर विवश कर दिया। हनुमान जी ने भी युद्ध के लिए हां कर दी।

बाली और हनुमान जी के बीच युद्ध :

अगले दिन जब हनुमानजी युद्ध करने के लिए जाने लगे तो इन्द्र वहां आये और उनसे अपने पुत्र (बाली) को माफ करने को कहा। और कहा कि आप अपनी शक्ति का 10वां भाग ही अपने साथ ले जायें। हनुमानजी ने उनकी बात मान ली और जब वे बाली के सामने युद्ध के लिए तैयार हुए।

जब हनुमान जी बाली के सामने आए तो उनकी आधी शक्ति बाली के अंदर चली गयी। बाली का शरीर उनकी शक्ति को संभाल नही पा रहा था। बाली का शरीर फटने ही वाला था कि बाली ने हनुमान जी से क्षमा मांगते हुए कहा कि हे ! पवन पुत्र आपकी शक्तियों को संभालना मेरे बस में नही है। यह भी पढ़ें : श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में हिंदी लिरिक्स

आप अपनी श्री शक्ति वापिस ले लीजिए। कृपया मेरी रक्षा कीजिये । नही तो मेरा ये शरीर नष्ट हो जाएगा। हनुमानजी ने उसकी प्रार्थना को सुना और अपनी सारी शक्ति वापिस ले ली। बाली वहां से गया और दूर जाकर बेहोश हो गया। जब उसको होश आया तब उसके पिता इन्द्र ने कहा। कि तुम हनुमान जी की शक्ति के 5वें भाग को भी सहन नही कर पाए। यह भी पढ़ें : तेरे जैसा राम भक्त कोई मतवाला लिरिक्स

तो उनकी पूरी शक्ति को क्या सहन करोगे। बाली को अपनी भूल का पछतावा हुआ। उसने हनुमान जी से क्षमा मांगी। हनुमान जी ने उनको क्षमा कर दिया।


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